बेंगलुरु। कर्नाटक में येदियुरप्पा सरकार के भविष्य को लेकर उठ रहीं तमाम अटकलों पर विराम लग गया है। उपचुनाव परिणामों के बाद अब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को विधानसभा में पूर्ण बहुमत मिल गया है। उसे पूर्ण बहुमत के लिये सिर्फ छह सीटों की जरूरत थी लेकिन उपचुनाव में भाजपा ने 15 में से 12 सीट पर चुनाव जीतकर आलोचकों के मुहं बंद कर दिये। इन चुनाव में जेडीएस को एक भी सीट पर जीत नहीं मिली है, जबकि कांग्रेस ने दो और निर्दलीय ने एक सीट पर जीत दर्ज की है। सोमवार को सुुुुबह मतगणना शुरू होते ही पहले रुझानों में भाजपा ने बढ़त हासिल करना शुरू कर दिया था।
कर्नाटक की 15 सीटों पर हुए उपचुनावों में भाजपा ने 12 और कांग्रेस ने 2 सीटें जीती हैं जबकि जेडीएस का इस चुनाव में खाता भी नहीं खुला है। अलबत्ता, एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार ने कामयाबी हासिल की है। भाजपा का इस चुनाव में मत प्रतिशत भी बढ़ा है। चुनाव आयोग के मुताबिक भाजपा को 49.7 फीसदी मत, जबकि कांग्रेस 31 प्रतिशत मत मिले हैं। उपचुनाव में भाजपा ने जिन 12 सीटों पर जीत हासिल की उनमें शिवराम हेब्बार येल्लापुर से, आनंद सिंह विजयनगर, रमेश जारकीहोली गोकाक, बीसी पाटिल हिरेकेरूर, श्रीमंत पाटिल कागवाड, के सुधाकर चिक्कबल्लापुर, महेश कुमटहल्ली अथणी, अरुण कुमार गुट्टूर रानीबेन्नूर, एसटी सोमशेखर यशवंतपुर, के गोपालैया महालक्ष्मी लेआउट, नारायण गौड़ा कृष्णाराजपेट और बीए बसवराज केआर पुरा से चुनाव जीते हैं।
इसके अलावा कांग्रेस पार्टी ने दो सीटों पर जीत दर्ज की है। पार्टी के रिजवान अरशद ने शिवाजीनगर और एचपी मंजूनाथ ने हुनसुर सीट पर भाजपा उम्मीदवार को पराजित किया है। वहीं होसकोटे सीट पर भाजपा से बागी होकर लड़ने वाले निर्दलीय उम्मीदवार शरद कुमार बच्चेगौडा ने भाजपा के एमटीबी नागराजू को परास्त किया है। उपचुनाव परिणामों से गदगद मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने पार्टी की जीत पर खुशी जताते हुए कहा है कि अब बिना किसी समस्या के स्थाई सरकार चल सकती है। उन्होंने कहा कि उपचुनाव जीतने वाले विधायकों को मंत्री बनाया जायेगा।
उल्लेखनीय है कि मई 2018 में हुये विधानसभा चुनाव में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी के तौर उभरी थी, लेकिन सरकार बनाने के लिए जरूरी जादुई नंबर पूरा नहीं कर पायी थी। इसके बाद भी राज्यपाल वजुभाई वाला ने भाजपा के नेता बीएस येदियुरप्पा को सरकार बनाने के लिये आमंत्रित कर उन्हें मुख्यमंत्री की शपथ दिला दी थी। कांग्रेस ने 17 मई 2018 को आधी रात को सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एके सीकरी, एसए बोबडे और अशोक भूषण की पीठ ने कांग्रेस की याचिका पर देर रात से सुबह 5:58 बजे तक सुनवाई के बाद येदियुरप्पा के शपथग्रहण करने पर रोक लगाने की मांग खारिज कर दी थी। लेकिन येदियुरप्पा ने सदन में बहुमत सिद्ध करने से पहले ही 19 मई को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इस बार वो केवल ढाई दिन के लिए कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहे। इससे पूर्व भी 2007 में भी येेेेेेेेेेदियुरप्पा शपथ लेने के बाद भी अपना बहुमत सिद्ध नहीं कर पाये थे।
जुलाई में ली थी येेेेेेेेेेदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री की शपथ
एच डी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार के पतन के बाद भाजपा नेता येदियुरप्पा ने इसी वर्ष 26 जुलाई को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। इन उपचुनावों में येदियुरप्पा को अपनी सरकार के लिए साधारण बहुमत हासिल करने के लिए कम से कम छह सीटों की जरूरत थी। सरकार बनाने की उठपटक में विधानसभा स्पीकर ने 17 विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया था। इन्ही 17 सीटों पर उपचुनाव कराया गया था। अयोग्य घोषित होने के बाद सुप्रीम कोर्ट इन सभी लोगों को उपचुनाव लड़ने की अनुमति दे दी थी।
कर्नाटक विस में कुल 224 सीटें, दो अभी भ्री रिक्तवर्तमान में विधानसभा में कुल विधायक- 222
भाजपा-117
कांग्रेस-68जेडीएस-34
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